आज कुछ लिखा है, हमने तेरे बारे में
तेरी रूठने और खुद मान जाने की अदाओं के बारे में
तेरा, मुझे ना मनाने की, तेरी जिद्द के बारे में
तेरे उन सवालों के बारे में,
जो कहती है, बिन कहे, तेरी चाहतों के बारे में
मैंने कुछ लिखा है आज, हां तेरे बारे में
तेरी मुस्कुराती आंखों के बारे में,
जो बिन देखे ही मुझे छू जाती हैं, उन निगाहों के बारे में
तेरे कांपते होटों के बारे में,
जब कभी तू कुछ कहना चाहे, और ना कह पाए, उन लम्हों के बारे में
हां कुछ लिखा है मैंने, आज तेरे बारे में।